छत्तीसगढ़: महतारी वंदन योजना से हटाए गए हजारों महिलाओं के नाम, सामने आई ये बड़ी वजह
रायपुर। छत्तीसगढ़ की चर्चित और महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार ने अब तक इस योजना से करीब 80 हजार महिलाओं के नाम हटाए हैं। हटाई गई महिलाओं में कई ऐसी थीं जो योजना के मानदंडों को पूरा नहीं करती थीं, फिर भी लाभ ले रही थीं। इनमें सरकारी सेवाओं में कार्यरत महिलाएं, अमान्य दस्तावेज वाली महिलाएं, और यहां तक कि मृत महिलाएं भी शामिल थीं, जिनके खातों में अनजाने में राशि ट्रांसफर की जा रही थी।
किन कारणों से हटाए गए नाम?
मृत महिलाओं के खाते में जारी हो रही थी राशि
विभाग को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजरों और हितग्राहियों के परिवार से समय पर मृत्यु की सूचना नहीं मिल पाई, जिस कारण ऐसे खातों में भी राशि ट्रांसफर होती रही। जैसे ही विभाग को पुष्टि मिली, 47 हजार से अधिक नाम हटा दिए गए।
सरकारी पद पर कार्यरत महिलाएं
कुछ ऐसी महिलाएं जो सरकारी सेवाओं में कार्यरत थीं, उन्होंने योजना में आवेदन कर लाभ प्राप्त कर लिया था। जांच के बाद इन नामों को सूची से हटा दिया गया है।
अमान्य या निष्क्रिय दस्तावेज
जिन महिलाओं का आधार कार्ड 10 साल से अधिक पुराना था और अपडेट नहीं किया गया था, या जिनके दस्तावेज अपूर्ण या गलत थे, उन्हें भी अपात्र मानते हुए योजना से बाहर कर दिया गया।
दोहरी एंट्री और संदिग्ध लाभार्थी
कुछ महिलाओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण किया, जिससे तकनीकी गड़बड़ी और दोहरी एंट्री की स्थिति बनी। ऐसे मामलों की जांच के बाद उनके नाम हटाए गए हैं। कुछ मामलों में वसूली की कार्रवाई और भुगतान रोकने का भी निर्णय लिया गया है।
रजिस्ट्रेशन के दोबारा खुलने का इंतजार
वे महिलाएं जो योजना की शुरुआत में आवेदन नहीं कर सकीं या हाल के समय में योजना के लिए पात्र हो चुकी हैं, वे अभी भी पोर्टल खुलने का इंतजार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने घोषणा की है कि जल्द ही योजना के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल दोबारा खोला जाएगा, ताकि पात्र महिलाएं योजना से लाभ प्राप्त कर सकें।
महतारी वंदन योजना क्या है?
महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक महिला हितैषी योजना है, जिसके अंतर्गत पात्र महिलाओं को प्रत्येक माह आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।