छत्तीसगढ़: पिता की हत्या करने वाले बेटे को उम्रकैद, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
बलौदाबाजार (छत्तीसगढ़)। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रिसदा में पिता की नृशंस हत्या करने वाले बेटे को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी की अदालत ने आरोपी जितेन्द्र वर्मा को दोषी पाते हुए न सिर्फ उम्रकैद की सजा दी, बल्कि उस पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त छह माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
हत्या को दुर्घटना बताने की कोशिश
लोक अभियोजक थानेश्वर वर्मा के अनुसार यह घटना 15 मार्च 2024 की है, जब ग्राम रिसदा निवासी जितेन्द्र वर्मा ने अपने पिता चिंतामणी वर्मा की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसने साजिश के तहत शव को बाथरूम की सीढ़ियों के पास रख दिया और यह दिखाने की कोशिश की कि उनके पिता की मौत सीढ़ियों से गिरकर हुई है।
फॉरेंसिक रिपोर्ट और जांच से खुला राज़
घटना की सूचना पर कोतवाली थाना प्रभारी अजय झा के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची। फॉरेंसिक रिपोर्ट, घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर जांच में यह साफ हुआ कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी — और हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि खुद मृतक का बेटा था।
शराब और कर्ज ने बिगाड़ा रिश्ता
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी जितेन्द्र वर्मा शराब का लती था और पहले भी कर्ज में डूब चुका था। इस कर्ज को उसके पिता ने अपनी बीस लाख रुपये की जमीन बेचकर चुकाया था। बावजूद इसके आरोपी की आदतें नहीं सुधरीं। जब उसने फिर से पैसों की मांग की और पिता ने मना किया, तो उसने गुस्से में आकर उनकी जान ले ली।
अदालत की टिप्पणी
अदालत ने मामले की गंभीरता और पूर्व नियोजित साजिश को देखते हुए आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत सजा दी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि,
“आरोपी ने एक पवित्र रिश्ते — पिता-पुत्र — को कलंकित किया है। ऐसे मामलों में समाज को कड़ा संदेश देने के लिए कठोर सजा जरूरी है।”
यह फैसला समाज के लिए एक चेतावनी है कि रिश्तों में धोखा और हिंसा की कोई जगह नहीं है, और कानून ऐसे अपराधों पर कड़ा रुख अपनाता है।