छत्तीसगढ़: कांस्टेबल भर्ती घोटाले में आरक्षक ने की आत्महत्या, जांच में था संदेह के घेरे में
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में कांस्टेबल भर्ती घोटाले के संदेह में चल रहे एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना 2021 में पुलिस में शामिल हुए आरक्षक अनिल रत्नाकर से जुड़ी है, जो वर्तमान में आरक्षण भर्ती में तैनात थे। रत्नाकर उन 14 आरक्षकों में शामिल थे जिन पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और लेन-देन के आरोप लगे थे।
घटना की पुष्टि खैरागढ़ पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल और राजनांदगांव सीएसपी पुष्पेंद्र नायक ने की। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। हालांकि, आत्महत्या के पीछे की वास्तविक वजह का अभी पता नहीं चल पाया है।
भर्ती घोटाले का मामला
राजनांदगांव पुलिस रेंज में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान गंभीर धांधली के मामले सामने आए थे। इसमें अभ्यर्थियों को अनुचित तरीके से अंक दिए गए थे। उदाहरण के लिए, एक अभ्यर्थी को गोला फेंकने में 11 की जगह 20 अंक दे दिए गए, जबकि कुछ अभ्यर्थी लंबी कूद और गोला फेंक में शामिल नहीं हुए, फिर भी उन्हें अंक प्रदान किए गए।
इसके अलावा, करीब 30 अभ्यर्थियों के डेटा संदिग्ध पाए गए। इस गड़बड़ी की पुष्टि के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और मामले की जांच शुरू हो गई।
भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी गड़बड़ियां
आरक्षक भर्ती के दौरान दौड़, हाइट, चेस्ट, गोला फेंक और लंबी कूद जैसे इवेंट्स में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था। इन उपकरणों से छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है।
उप पुलिस अधीक्षक अजाक्स तनुप्रिया ठाकुर ने गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
भर्ती प्रक्रिया में सामने आई गड़बड़ी के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस घटना को गंभीरता से लिया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया में सामने आए इस गंभीर घोटाले ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। आत्महत्या की घटना ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। पुलिस अब आत्महत्या और भर्ती घोटाले दोनों मामलों की गहन जांच कर रही है।