CG पंचायत चुनाव: आदिवासी महिला को आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने से रोकने का आदेश, हंगामा मचने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर को आदेश निरस्त करना पड़ा
छत्तीसगढ़ के कटेकल्याण क्षेत्र में एक विवाद सामने आया जब रिटर्निंग ऑफिसर आशा नेताम ने गैर-आदिवासी से विवाह करने वाली आदिवासी महिला को आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने से रोकने का आदेश जारी किया। इस आदेश की कॉपी वायरल होने के बाद आदिवासी नेताओं में हड़कंप मच गया। हंगामे के बाद, रिटर्निंग ऑफिसर को अपना आदेश निरस्त करना पड़ा और नया आदेश जारी किया।
आदेश जारी करते समय यह दावा किया गया था कि आदिवासी महिला को आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उसने गैर-आदिवासी से विवाह किया है। हालांकि, छत्तीसगढ़ राज्य चुनाव आयोग की ओर से इस तरह का कोई निर्देश नहीं जारी किया गया था, जिससे यह आदेश विवादित हो गया।
भांजे ने मामा की मौत के बाद फर्जी नामिनी बनकर 50 लाख रुपये की राशि हड़प ली, मामी का आरोप
आरक्षण के लाभ के मुद्दे पर दंतेवाड़ा में चल रही मुहिम
इस मामले के साथ-साथ, दंतेवाड़ा में आरक्षण के लाभ को लेकर एक बड़ी मुहिम छेड़ी गई है। यह अभियान आदिवासी महिलाओं के साथ गैर-आदिवासी पुरुषों के विवाह और आरक्षण का लाभ उठाने से संबंधित है। सर्व आदिवासी समाज के कटेकल्याण इकाई के अध्यक्ष माड़का सोढ़ी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए आदिवासी महिलाओं से विवाह करते हैं, जिससे आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
माड़का सोढ़ी ने तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि कुछ लोग अनुसूचित जनजाति के आरक्षित कोटे का लाभ उठाने के लिए आदिवासी महिलाओं से विवाह कर रहे हैं। इस प्रकार की शादियों से आदिवासी समाज को नुकसान हो रहा है और इसे रोका जाना चाहिए।