CG News: नारायणपुर में 6 इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, माओवादी नेटवर्क पर लगातार सिकुड़ता शिकंजा
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठनों का प्रभाव लगातार कम हो रहा है। इसी कड़ी में नारायणपुर जिले से गुरुवार को एक बड़ी सफलता सामने आई है, जहां 6 सक्रिय इनामी नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ते हुए पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में चार महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं।
इन नक्सलियों पर था 10 लाख का कुल इनाम:
पुलिस अधिकारियों के अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की पहचान इस प्रकार है:
- धनाय हलामी (24 वर्ष)
- दशमती कोवाची (20 वर्ष)
- सुकाय उर्फ रोशनी पोयाम (20 वर्ष)
- चैतराम उसेंडी उर्फ रूषी (28 वर्ष)
- गंगू पोयाम (20 वर्ष)
- शारी उर्फ गागरी कोवाची (20 वर्ष)
ये सभी नक्सली नारायणपुर जिले के माड़ डिविजन और अमदेई एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय थे। प्रशासन के अनुसार, इन छह माओवादियों पर कुल 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण के पीछे क्या रहे कारण?
पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों ने माओवादी संगठन की अमानवीय कार्यशैली, उद्देश्यहीन विचारधारा, संगठन के अंदर मानसिक और शारीरिक शोषण और सुरक्षा बलों के लगातार दबाव से तंग आकर आत्मसमर्पण किया है। साथ ही राज्य में तेजी से हो रहे विकास कार्यों और सड़कों की पहुंच ने भी माओवादी प्रभाव को कमजोर किया है।
राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ
राज्य सरकार ने आत्मसमर्पित माओवादियों को नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी सरकारी लाभ देने की घोषणा की है। इनमें:
- पुनर्वास योजनाएं
- रोजगार के अवसर
- सुरक्षा व्यवस्था
- ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि
शामिल हैं।
2024-25 में अब तक 110 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में अब तक सिर्फ नारायणपुर जिले में 110 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। हाल ही में अबूझमाड़ क्षेत्र में हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो महिला माओवादियों को मार गिराया, जो नक्सल विरोधी अभियानों की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
नक्सलवाद पर लगाम की ओर एक और कदम
राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त रणनीति, बढ़ती ग्रामीण पहुंच, सशक्त निगरानी और पुनर्वास की योजनाएं अब नक्सलवाद को पीछे धकेलने में सफल होती दिख रही हैं। नारायणपुर में हुए आत्मसमर्पण इसके मजबूत संकेत हैं।