CG JE भर्ती में BE धारकों को बड़ी राहत: हाईकोर्ट ने किया ‘डिप्लोमा अनिवार्यता’ नियम रद्द, अब मिल सकेगी सरकारी नौकरी
Chhattisgarh High Court Decision|
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) भर्ती मामले में बी.ई. (BE) डिग्रीधारकों के लिए बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा बनाए गए उस विवादित नियम को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है, जिसमें सिर्फ डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना गया था और BE डिग्रीधारकों को अयोग्य ठहरा दिया गया था।
अदालत ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर) और अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन करता है।
याचिका का विवरण
यह याचिका धगेन्द्र कुमार साहू द्वारा अधिवक्ता प्रतिभा साहू के माध्यम से दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने इस नियम को भेदभावपूर्ण बताया और कहा कि इससे तकनीकी रूप से अधिक योग्य BE डिग्रीधारकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
2016 तक BE भी होते थे पात्र
याचिकाकर्ता ने बताया कि 2016 तक राज्य सरकार जूनियर इंजीनियर (Sub Engineer) पदों पर BE और डिप्लोमा दोनों को पात्र मानती थी। अचानक इस बार BE धारकों को बाहर करना तर्कहीन और अन्यायपूर्ण है।
तकनीकी योग्यता की अनदेखी अनुचित
कोर्ट ने माना कि BE डिग्रीधारक तकनीकी रूप से अधिक सक्षम होते हैं और उन्हें बाहर करना न केवल अनुचित, बल्कि असंवैधानिक भी है। यह फैसला राज्य सरकार के नियम बनाने के अधिकारों की भी सीमाएं तय करता है।
क्या होगा अब?
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब BE डिग्रीधारकों के लिए छत्तीसगढ़ में जूनियर इंजीनियर पदों पर भर्ती का रास्ता फिर से खुल गया है। आने वाली सरकारी भर्तियों में उन्हें भी बराबरी से मौका मिलेगा।