CG High Court: तलाक के बाद खत्म होता है पत्नी का दर्जा, पति की संपत्ति पर नहीं बनता कोई अधिकार – हाईकोर्ट का अहम फैसला
रायपुर/बिलासपुर| छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और नजीर बनने वाले फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि तलाक के बाद महिला का अपने पूर्व पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रह जाता। जस्टिस एन.के. व्यास की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाते हुए पारिवारिक न्यायालय रायगढ़ और सिविल कोर्ट के आदेश को सही ठहराया है।
तलाक के बाद किया गया दावा खारिज
मामले के अनुसार, 31 मार्च 2014 को रायगढ़ फैमिली कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच तलाक का आदेश जारी किया था। इसके बाद तलाकशुदा महिला ने पति द्वारा खरीदे मकान पर अपना अधिकार जताते हुए सिविल वाद दायर किया। लेकिन रायगढ़ की पारिवारिक अदालत और बाद में सिविल कोर्ट ने इस वाद को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया अधिकार का दायरा
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तलाक के बाद महिला का वैवाहिक दर्जा समाप्त हो जाता है, और ऐसे में वह अपने पूर्व पति की व्यक्तिगत संपत्ति पर किसी भी प्रकार का स्वामित्व या अधिकार नहीं जता सकती।
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पति ने कराया था केस दर्ज, पत्नी ने किया कब्जे का प्रयास
जानकारी के अनुसार पति ने साल 2005 में शादी से पहले रायगढ़ में एक मकान खरीदा था, जिसे किराये पर दिया गया था। तलाक के बाद पत्नी ने कुछ लोगों के साथ मकान पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की। इस पर पति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई और फिर सिविल कोर्ट में बेदखली का आवेदन दिया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए महिला को संपत्ति से बेदखल करने का आदेश दिया।