CG Crime: ट्रक ड्राइवर को न्यूड कर पीटा, पेशाब किया – बस्तर में बेरहमी की हद, VIDEO वायरल, दो आरोपी फरार
जगदलपुर | छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। उत्तर प्रदेश के एक ट्रक ड्राइवर को न केवल बेरहमी से पीटा गया, बल्कि उसे न्यूड कर बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। आरोपियों ने उसके ऊपर पेशाब किया और इस अमानवीय कृत्य का वीडियो भी बनाया। मामले में बोधघाट थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर दो आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
फेसबुक कॉल से शुरू हुआ, जंगल में छोड़ा गया अंत
पीड़ित ड्राइवर खुर्शीद अहमद, यूपी के कौशाम्बी का रहने वाला है। उसने बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से जगदलपुर की भुवन कबाड़ी दुकान में ट्रक चालक के रूप में काम कर रहा था। जबसे मालिक का बेटा व्यापार देखने लगा, वह लगातार गैरकानूनी सामान ढोने का दबाव बना रहा था।
खुर्शीद ने इसका विरोध किया और यूपी लौट गया। फिर 25 जुलाई को फोन कर उसे वापस बुलाया गया, यह कहकर कि “सिर्फ बात करनी है।” लेकिन ड्राइवर के इंकार करने पर उसे जबरदस्ती फार्महाउस ले जाया गया।
साढ़े तीन घंटे की बर्बरता
FIR के अनुसार, आरोपी नितिन साहू और आयुष ठाकुर फार्महाउस पर पहले से मौजूद थे। वहां पीड़ित को नग्न कर बेल्ट से पीटा गया, जबरदस्ती नचाया गया और उसके ऊपर पेशाब किया गया। इस दौरान वीडियो कॉल के जरिए पिटाई रिश्तेदार को भी दिखाई गई, जिससे आरोपी उसे मानसिक रूप से तोड़ सकें।
रिश्तेदार ने पूरी घटना रिकॉर्ड कर ली और पुलिस को सूचित किया।
हैदराबाद ले जाकर फिर पीटा, फिर जंगल में फेंका
आरोपी जान गए कि पुलिस तक खबर पहुंच गई है। इसके बाद वे खुर्शीद को जबरन हैदराबाद ले गए, जहां बीच सड़क पर फिर से मारपीट की गई। बाद में उसे चाकू दिखाकर धमकी दी गई और जंगल में फेंक कर फरार हो गए। किसी तरह पीड़ित ने एक दुकान से फोन चार्ज कर अपने साथी ड्राइवर को सूचना दी, जिसने उसकी जान बचाई।
3 दिन अस्पताल में भर्ती, फिर FIR दर्ज
खुर्शीद यूपी लौटने के बाद तीन दिन अस्पताल में भर्ती रहा। इलाज के बाद वह फिर से जगदलपुर लौटा और बोधघाट पुलिस को पिटाई का वीडियो देकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
दोनों आरोपी अब भी फरार, पुलिस ने कहा – जांच जारी
2 अगस्त को पुलिस ने नितिन साहू और आयुष ठाकुर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है, लेकिन दोनों आरोपी अब भी फरार हैं। बोधघाट थाना पुलिस उनकी तकनीकी निगरानी कर रही है।
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पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ एक क्राइम नहीं, बल्कि मानसिक, शारीरिक और डिजिटल स्तर पर एक मानवाधिकार हनन है।
क्या कहता है कानून?
- वीडियो कॉल से अपराध का सबूत दर्ज होना डिजिटल साक्ष्य की अहमियत को दर्शाता है।
- धारा 319 BNS के तहत गंभीर चोट पहुँचाना और मानसिक प्रताड़ना एक अपराध है।
- पुलिस यदि जल्द गिरफ़्तारी करती है, तो यह केस छत्तीसगढ़ में उदाहरण बन सकता है डिजिटल क्राइम रिपोर्टिंग का।