CG Crime: बेमेतरा में पदस्थ सिपाही विवेक पोद्दार पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप, POCSO एक्ट में मामला दर्ज, आरोपी फरार
- दुर्ग में एक युवती ने लगाया गंभीर आरोप, कहा – पद और वर्दी का रौब दिखाकर किया शोषण
बेमेतरा- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बेमेतरा में पदस्थ सिपाही विवेक पोद्दार पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक 21 वर्षीय युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि आरोपी ने 2021 से 2022 के बीच जबरन उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए, धमकी दी और अब उसे जान से मारने की कोशिश की।
पीड़िता की शिकायत पर छावनी थाना पुलिस ने POCSO एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी फरार है और उसकी तलाश में पुलिस टीम को बेमेतरा भेजा गया है।
घटना का पूरा विवरण
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि वर्ष 2021 में विवेक पोद्दार, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत है, उसके घर आया और मां व भाई के बारे में पूछताछ की। जब उसे बताया गया कि घर पर कोई नहीं है, तो वह बिना अनुमति के घर में घुस गया।
- युवती के अनुसार, उसने आरोपी को घर से जाने को कहा, लेकिन उसने शारीरिक रूप से हमला कर जबरदस्ती संबंध बनाए।
- जब उसने शोर मचाने की कोशिश की तो आरोपी ने उसका मुंह दबाया और कपड़े फाड़ दिए।
- इसके बाद आरोपी ने मारपीट कर दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा।
लगातार दो वर्षों तक शोषण
पीड़िता का आरोप है कि साल 2021 से 2022 तक आरोपी ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। उसने अपने पद और वर्दी का रौब दिखाकर उसे चुप रहने के लिए मजबूर किया।
पुलिस कार्रवाई
- 2 जून 2025 को छावनी थाना में FIR दर्ज की गई।
- आरोपी के खिलाफ POCSO एक्ट और दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
- आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बेमेतरा में विशेष पुलिस टीम भेजी गई है, लेकिन वह अभी फरार है।
क्या कहती है पुलिस?
छावनी पुलिस ने बताया कि आरोपी विवेक पोद्दार भिलाई के सुंदर नगर कैंप-1, चर्च के पास रहता है और वर्तमान में बेमेतरा जिले में पदस्थ है। पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
वर्दी की आड़ में यदि कोई अपराध करता है तो वह समाज और कानून दोनों के साथ विश्वासघात करता है। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने संजीदगी से मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अब ज़रूरत है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कानूनी सजा दिलाई जाए ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और समाज में कानून का डर बना रहे।