नया साल मनाना हराम, बरेली से जारी हुआ फतवा
बरेली (उत्तर प्रदेश) के मौलाना ने नए साल के जश्न को लेकर फतवा जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए नया साल मनाना हराम है और यह गुनाह है। उनका मानना है कि नया साल ईसाइयों का धार्मिक त्योहार है, जिसे मुसलमानों को नहीं मनाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं, खासतौर पर लड़के-लड़कियों को नए साल के जश्न से बचने की हिदायत दी है।
नया साल मनाने को लेकर मौलाना का बयान
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि ‘चश्मे-दरफ्ता बरेली शरीफ’ से एक फतवा जारी किया गया है, जिसमें नए साल के जश्न को लेकर सख्त हिदायतें दी गई हैं। उनका कहना है कि यह जश्न इस्लाम के मुताबिक नाजायज है और मुसलमानों को इससे दूर रहना चाहिए।
मौलाना की ओर से जारी फतवे में क्या कहा गया?
मौलाना ने कहा कि शराब पीना, जुआ खेलना और हुड़दंग मचाना इस्लाम में हराम है और नए साल के जश्न के साथ इनका सीधा संबंध है। इसलिए मुसलमानों को इन गतिविधियों से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नए साल का जश्न किसी तरह से मुसलमानों के लिए फख्र का विषय नहीं हो सकता और इसे न मनाया जाना चाहिए।
नया साल: एक गैर-मजहबी प्रथा
मौलाना ने अपने बयान में यह भी कहा कि मुसलमानों के लिए गैर-मजहबी प्रथाओं को मानना सख्त नाजायज है और नए साल का जश्न भी एक ऐसी प्रथा है, जो इस्लाम के सिद्धांतों से मेल नहीं खाती।