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छत्तीसगढ़ में मवेशियों का हत्याकांड: गौठान में बंद मवेशियों की दर्दनाक मौत, कंकाल नोचते दिखे कुत्ते

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छत्तीसगढ़ में गौठान में गायों की मौत का मामला: भूख-प्यास से 13 गायों की मौत, फसल बचाने के लिए गौठान में बंद किए गए थे आवारा मवेशी

छत्तीसगढ़ का भयावह सच: भूख और लापरवाही ने ली गायों की जान
फसल बचाने के लिए गौठान में बंद किए गए थे आवारा मवेशी

दुर्ग जिले में भूख-प्यास से 13 से अधिक गायों की मौत

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गोढ़ी गांव के गौठान में भूख और प्यास से 13 से अधिक गायों की मौत हो गई। यह मामला तब सामने आया जब कुत्ते गायों के शवों को नोचते हुए देखे गए। मृत गायों के कंकाल सड़कर बुरी स्थिति में पहुंच गए थे। आरोप है कि गांव के सरपंच ने फसल को आवारा मवेशियों से बचाने के लिए 15 दिन पहले 40 मवेशियों को गौठान में बंद कर दिया था।

गायों को नहीं मिला चारा-पानी, खुलासा शव सड़ने की गंध से हुआ
गौठान में बंद मवेशियों को चारा और पानी उपलब्ध नहीं कराया गया। 15 दिनों तक भूखे-प्यासे रहने के कारण गायों ने दम तोड़ दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब आसपास के लोग गौठान से आ रही गंध की शिकायत करने लगे।

गो-सेवकों का हंगामा, सरपंच पर FIR की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही गो-सेवकों ने हंगामा किया और सरपंच के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। धमधा जनपद पंचायत की सीईओ किरण कौशिक ने मृत गायों का पोस्टमॉर्टम कराया और बताया कि प्राथमिक जांच में निमोनिया को मौत का संभावित कारण माना जा रहा है।

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सरपंच और समिति पर आरोप
गांव के पंच पति डोमर सिंह पाल ने इस घटना के लिए सरपंच गोपी साहू को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सरपंच ने किसानों की फसल बचाने के लिए एक समिति बनाई थी। समिति ने मवेशियों की देखभाल और चारा-पानी की व्यवस्था का वादा किया था। लेकिन समिति और सरपंच ने अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाया, जिसके चलते गायों की मौत हो गई।

सरपंच ने गांव को ठहराया जिम्मेदार
सीईओ ने बताया कि यदि सरपंच ने समिति बनाई थी, तो चारा-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी थी। सरपंच गोपी साहू ने अपनी सफाई में कहा कि पूरे गांव को इस घटना के लिए जिम्मेदार माना जाना चाहिए।

फसल बचाने के लिए गौठान में बंद किए गए थे आवारा मवेशी

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
प्रशासन ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा। फिलहाल, गो-सेवकों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और गौठान योजना की स्थिति
इस घटना ने राजनीतिक बहस को भी जन्म दिया है। भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई गौठान योजना को बंद करने के लिए साय सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। साय सरकार ने गोशालाओं में प्रत्येक गाय पर 35 रुपए खर्च करने की योजना बनाई थी, जो अब सवालों के घेरे में है।

 

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