मुकेश चंद्राकर की अस्थियों के साथ छेड़छाड़, भाई ने किया बड़ा खुलासा
- अस्थि कलश की छेड़छाड़ का मामला
बीजापुर, छत्तीसगढ़: बीजापुर में दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अस्थियों से छेड़छाड़ का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मुकेश की अस्थियों का विसर्जन आज कलेश्वरम में होना था, लेकिन जब उनके परिजन मुक्तिधाम में अस्थि कलश लेने पहुंचे, तो वह वहां नहीं मिला। परिजनों ने आसपास खोजबीन की, तो कुछ दूरी पर फूटा हुआ अस्थि कलश और बिखरी हुई अस्थियां मिलीं। परिजनों ने इस घटना की शिकायत बीजापुर एसपी से की है।
पत्रकार की हत्या के पीछे ठेकेदारों का हाथ
मुकेश चंद्राकर की हत्या के पीछे ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके भाई रितेश, दिनेश, और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके का हाथ बताया गया था। मुकेश चंद्राकर ने सड़क गड़बड़ी के मुद्दे को उजागर किया था, जिसके बाद इन लोगों ने मिलकर उनकी हत्या करवा दी थी।
भाई का दिल दहला देने वाला खुलासा
मुकेश चंद्राकर के भाई, युकेश चंद्राकर ने फेसबुक पर फूटे हुए अस्थि कलश की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “मुकेश की अस्थियां हमने उठाकर रखी थीं, लेकिन किसी ने अस्थि कलश को फोड़कर अस्थियां बिखेर दीं! मुझे यह भी जानकारी मिली कि मेरे भाई को अधमरा करने तक मारकर उस पर बुलडोजर चलाया गया था। हम इंसान हैं? हत्यारे बहुत ताकतवर हैं, न जाने कितने बाहर घूम रहे हैं! क्या यह देश इन राक्षसों से कमजोर हो गया है?”
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हत्या में हुई बर्बरता का खुलासा
मुकेश चंद्राकर की हत्या की जांच में यह सामने आया था कि उन्हें सिर में धारदार हथियार से मारा गया था। आरोपितों ने इसे नक्सलियों की वारदात के रूप में पेश करने की कोशिश की थी, क्योंकि नक्सली इसी तरह से हत्या करते हैं। आरोपितों ने शव को जंगल में फेंकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला, और अंत में शव को सेप्टिक टैंक में डाल दिया था। डॉक्टरों के अनुसार, मुकेश चंद्राकर की हत्या बहुत बेरहमी से की गई थी, जिसमें उनके सिर में 15 फ्रैक्चर, टूटी हुई गर्दन, फटे हुए हार्ट, और टूटे हुए पसलियों सहित लिवर के चार टुकड़े हुए थे।
पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से पत्रकारों की सुरक्षा और उनके खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।