(Corruption In Academia) रिश्वत और नैक ग्रेडिंग: रायपुर में कैसे हुआ भ्रष्टाचार?
रायपुर। झारखंड के रामचंद्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय के कुलपति समरेन्द्र नाथ साहा को सीबीआई ने रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन पर महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग देने के बदले रिश्वत लेने का आरोप है। साहा नैक निरीक्षण समिति के अध्यक्ष के रूप में यह तय करते थे कि किन कॉलेजों की ग्रेडिंग के लिए कौन-कौन से सदस्य टीम में शामिल होंगे।
उनके कार्यकाल में रायपुर जिले के लगभग एक दर्जन महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग मिली। कई कॉलेजों को उम्मीद से कम ग्रेड मिला, जबकि कुछ को यथास्थिति से बेहतर अंक प्राप्त हुए। अब जब नैक ग्रेडिंग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, तो कॉलेज प्रबंधनों द्वारा इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
रिश्वत के उदाहरण: रायपुर के कॉलेजों में क्या हुआ?
केस-1:
जनवरी 2025 में रायपुर के एक निजी विश्वविद्यालय को “ए प्लस” ग्रेड मिला, जबकि यह किराए के भवन में संचालित है। इसी दौरान एक पुराने और अधिक अनुभवी विश्वविद्यालय को अपेक्षा से कम ग्रेड दिया गया।
केस-2:
दिसंबर 2024 में बैरनबाजार स्थित एक ऑटोनॉमस कॉलेज में नैक टीम आई। यहां के प्राध्यापकों को अंग्रेजी न बोलने पर आपत्ति जताई गई, जबकि ग्रेडिंग प्रक्रिया में भाषा बाध्यता का कोई नियम नहीं है। कॉलेज “बी प्लस” ग्रेड तक ही सीमित रह गया।
केस-3:
धरसींवा के एक सरकारी महाविद्यालय में 2024 में ग्रेडिंग टीम ने “बी प्लस” ग्रेड प्रदान किया। टीम के सदस्यों को बजट के अनुसार उपहार और भोजन की विशेष व्यवस्था की गई।
केस-4:
आरंग के एक सरकारी कॉलेज में 2024 में आई नैक ग्रेडिंग टीम को विशेष उपहार नहीं दिए गए। फिर भी दक्षिण भारत से आए सदस्यों को उनकी मांग पर विदेशी शराब और चिकन परोसा गया, लेकिन कॉलेज को लगातार दूसरी बार “सी ग्रेड” ही मिला।
केस-5:
रायपुर के कालीबाड़ी स्थित एक कॉलेज को 2024 में “बी ग्रेड” प्राप्त हुआ। कॉलेज “बी प्लस” से मामूली अंतर से चूक गया। बजट के तहत पारंपरिक छत्तीसगढ़ी कलाकृतियां और सूट के कपड़े उपहार में दिए गए थे।
केस-6:
2023 में कचना स्थित एक निजी कॉलेज को “बी प्लस” ग्रेड दिया गया। कॉलेज प्रबंधन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नैक टीम को सोने के सिक्के और नकद राशि प्रदान की गई थी।
केस-7:
2023 में कालीबाड़ी स्थित एक निजी कॉलेज को बजट की कमी के चलते विशेष उपहार नहीं दिए जा सके। लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने एक केंद्रीय मंत्री से फोन करवा कर “बी प्लस” ग्रेड हासिल कर लिया।
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केस-8:
समता कॉलोनी स्थित एक निजी कॉलेज ने 2023 में नैक ग्रेडिंग टीम को उनकी मांग पर आईफोन दिए, जिससे कॉलेज को “बी प्लस” ग्रेड प्राप्त हुआ।
रिश्वत का सिस्टम: खुलकर हुई स्वीकारोक्ति
प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि नैक टीम का स्वागत किसी बारात जैसी भव्यता से करना पड़ता है ताकि वे नाराज न हों। वहीं, एसोसिएशन के संयोजक राजीव गुप्ता का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन हमेशा अपने स्तर पर नैक टीम को उपकृत करता है। यह प्रथा दशकों से चली आ रही है और अब जब रिश्वत का मामला उजागर हुआ है, तो इस पर चर्चा हो रही है।
क्या अब होगी कोई कार्रवाई?
इस मामले के उजागर होने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि क्या कॉलेजों को मिली नैक ग्रेडिंग की फिर से समीक्षा होगी? क्या भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और कॉलेज प्रबंधनों पर कोई कार्रवाई होगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में शिक्षा विभाग और सरकार क्या कदम उठाती है।