अमेरिकन ड्रीम के नाम पर टूटी ज़िंदगी: हरविंदर सिंह की दर्दनाक कहानी
NEW DELHI. हरविंदर सिंह, जो पंजाब के होशियारपुर जिले के ताहली गांव के निवासी हैं, हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 अवैध प्रवासियों में से एक हैं। उन्होंने अपने दर्दनाक अनुभव का बयान किया, जिसमें 40 घंटे तक उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ा गया। हरविंदर ने बताया कि इस पूरी यात्रा के दौरान उन्हें न सिर्फ शारीरिक कष्ट उठाना पड़ा, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें तोड़ा गया।
हरविंदर के अनुसार, विमान में उन्हें अपनी सीट से हिलने की अनुमति नहीं थी। जब उन्होंने टॉयलेट जाने के लिए अनुरोध किया, तो अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें बार-बार इन्कार किया, और जब अनुमति दी गई, तो यह स्थिति बेहद अपमानजनक थी। उन्होंने बताया कि खाने के दौरान भी उनका हाथ हथकड़ी में ही बंधा रहता था और कई बार अधिकारियों ने उनकी मदद की अनदेखी की। इस यात्रा को हरविंदर ने नरक से भी बदतर बताया, क्योंकि इसके दौरान उन्हें बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
हरविंदर का यह सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने बेहतर जीवन की तलाश में 42 लाख रुपये खर्च किए थे। उन्होंने और उनके परिवार ने यह राशि एक ट्रैवल एजेंट से उधार ली थी, जिसने उन्हें डंकी रूट के जरिए अमेरिका जाने का वादा किया था। हालांकि, यह रूट वैध नहीं था और उन्हें अंत में अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया।
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वहीं, हरविंदर की पत्नी कुलजिंदर ने बताया कि 42 लाख रुपये जुटाने के लिए उन्होंने अपनी जमीन गिरवी रखी और कर्ज लिया। कुलजिंदर ने यह भी बताया कि एजेंट ने उनकी यात्रा के दौरान उनसे कई बार पैसे लिए थे। जब हरविंदर ग्वाटेमाला में थे, तब एजेंट ने उनसे आखिरी बार 10 लाख रुपये मांगे थे। कुलजिंदर का कहना है कि वह अब कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और उनके लिए यह सब एक बुरे सपने जैसा है।
यह कहानी सिर्फ हरविंदर की नहीं, बल्कि उन हजारों भारतीयों की है, जो ‘अमेरिकन ड्रीम’ के पीछे भागते हुए अवैध तरीके से अमेरिका जाने की कोशिश करते हैं।