निकाय चुनाव: शपथपत्र में देनी होगी अपराध, संपत्ति और शिक्षा की जानकारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र के साथ शपथपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसमें उम्मीदवार को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति, दायित्व और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी देनी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस प्रावधान का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
निर्वाचन प्रक्रिया के विशेष प्रावधान
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव संचालन छत्तीसगढ़ नगर पालिका निर्वाचन अधिनियम, पंचायत निर्वाचन नियम और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार होगा।
शपथपत्र के प्रावधान
- नगरीय निकाय चुनाव:
- मेयर, अध्यक्ष, पार्षद पद के उम्मीदवारों को नगर पालिका निर्वाचन नियम 25-क के तहत शपथपत्र देना होगा।
- इसमें आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति और दायित्वों के साथ शैक्षणिक योग्यता का विवरण देना अनिवार्य है।
- पंचायत चुनाव:
- जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, और सरपंच पद के उम्मीदवारों को पंचायत निर्वाचन अधिनियम 31-क के तहत शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा।
- इसमें उपरोक्त सभी जानकारियां शामिल होंगी।
अधिसूचना जारी करने पर रोक
निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि जिन नगरपालिकाओं या पंचायतों के चुनाव किसी न्यायालय के आदेश के तहत स्थगित हैं, या आयोग द्वारा रोक लगाए गए हैं, वहां चुनाव की अधिसूचना प्रकाशित नहीं की जाएगी।
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नोटा का प्रावधान
लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तर्ज पर नगरीय निकाय चुनाव में भी “नोटा” (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प उपलब्ध होगा। मतदाता किसी भी उम्मीदवार को चुनने की इच्छा न रखने पर “नोटा” का उपयोग कर सकते हैं।
आचार संहिता लागू
राज्य में चुनाव की घोषणा से लेकर परिणाम घोषित होने तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी। सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को इसका पालन करना अनिवार्य होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग की इन नई व्यवस्थाओं से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ने और जनता का विश्वास मजबूत होने की उम्मीद है।