खेती में नैनो डीएपी का कमाल: प्रति एकड़ 75 रुपए की सीधी बचत, सरकार चला रही जागरूकता अभियान
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे खरीफ सीजन के दौरान ठोस डीएपी खाद की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने नैनो डीएपी को बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया है। इसका असर भी नजर आने लगा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, नैनो डीएपी के उपयोग से किसानों को प्रति एकड़ 75 रुपए तक की सीधी बचत हो रही है।
राज्य सरकार के निर्देश पर इफको कंपनी द्वारा प्रदेश में 3 लाख 5 हजार से अधिक बोतलों का भंडारण किया गया है। इसमें से 1.41 लाख बोतलें प्राथमिक कृषि साख समितियों में, 82 हजार डबल लॉक केंद्रों में, और 48 हजार बोतलें निजी क्षेत्र में वितरित की जा चुकी हैं। फिलहाल इफको के पास 33 हजार बोतलों का स्टॉक मौजूद है।
कैसे हो रही है बचत?
धान की एक एकड़ फसल में पहले जहां 50 किलो ठोस डीएपी खाद लगती थी, अब वहां केवल 25 किलो ठोस डीएपी और आधा लीटर नैनो डीएपी (600 रु. कीमत) ही पर्याप्त है। जबकि एक 50 किलो डीएपी बोरी की कीमत 1350 रुपए होती है। इस बदलाव से प्रति एकड़ 75 रुपए की सीधी लागत बचत हो रही है।
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जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान
राज्य सरकार ने समय रहते ठोस डीएपी की संभावित कमी को देखते हुए नैनो डीएपी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया है।
- कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारियों, वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों की मदद से गांव-गांव जाकर डेमो के ज़रिए प्रशिक्षण दिया गया।
- कृषि चौपालों और विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों को नैनो डीएपी के उपयोग के फायदे बताए गए।
- पोस्टर, बैनर और पम्पलेट सहकारी समितियों में लगाए गए हैं।
- अब किसान पूरे विश्वास के साथ धान की फसल में इसका प्रयोग कर रहे हैं।