छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग: निजी अस्पतालों की मनमानी, मरीजों से की जा रही अवैध वसूली
रायपुर। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने का उद्देश्य जिस योजना से जुड़ा है, वही योजना अब छत्तीसगढ़ में लूट का जरिया बनती जा रही है। राजधानी रायपुर सहित कई निजी अस्पतालों पर आरोप है कि वे योजना के लाभार्थियों से इलाज के नाम पर अवैध रूप से अतिरिक्त पैसे वसूल रहे हैं — वो भी बिना किसी पक्के बिल के।
बिना बिल, मनमाने शुल्क
जानकारी के अनुसार, अस्पतालों में इलाज के दौरान दवाइयों, इंप्लांट्स और “क्वालिटी मेडिकल सामग्री” के नाम पर अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। मरीजों या उनके परिजनों को किसी भी तरह का बिल नहीं दिया जाता, जिससे उनके पास कोई सबूत न बचे और वे शिकायत भी न कर सकें।
10 अस्पतालों की जांच में हुआ खुलासा
शहर के 10 निजी अस्पतालों में की गई जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आयुष्मान कार्डधारी मरीजों से 10,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक की रकम वसूली गई — वह भी पैकेज से बाहर और बिना किसी दस्तावेज के। अस्पताल इस अवैध वसूली को छिपाने के लिए कोई लिखित पर्ची या भुगतान रसीद नहीं देते।
शिकायत का नहीं कोई स्पष्ट सिस्टम
आश्चर्य की बात यह है कि अस्पतालों में कहीं भी शिकायत के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर या शिकायत पेटी उपलब्ध नहीं है। जबकि योजना के नियमों के अनुसार प्रत्येक बीमारी का तयशुदा पैकेज होता है और निजी अस्पतालों को MoU के तहत उसका पालन करना होता है।
100 से ज्यादा शिकायतें दर्ज
राज्य की स्वास्थ्य विभाग की आयुष्मान हेल्पलाइन ‘104’ पर अब तक 100 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें दवाओं, उपकरणों और इंप्लांट्स के नाम पर अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ी, जो योजना के दायरे से बाहर थी।
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सरकारी कार्रवाई की मांग
अब यह मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है और लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही अस्पतालों को पारदर्शिता के लिए बाध्य किया जाए और आयुष्मान योजना के तहत इलाज की संपूर्ण प्रक्रिया को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाए।
(Source: स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट, रायपुर)