55 का है, शिव के खाते में डाल दूं?” – खैरागढ़ में भ्रष्टाचार LIVE! अधिकारी, एजेंट और रिश्वत का ऑडियो कनेक्शन वायरल
खैरागढ़| जिले में संचालित श्रम विभाग की योजनाओं में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। एक वायरल ऑडियो क्लिप ने सरकारी सिस्टम की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऑडियो में श्रम निरीक्षक लोकेन्द्र वैष्णव को योजना लाभ दिलाने के बदले में रिश्वत मांगते हुए साफ-साफ सुना जा सकता है।
CSC संचालक विनोद सिंह राजपूत ने खैरागढ़ के पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत देकर पूरे मामले की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वायरल ऑडियो में श्रम निरीक्षक कहते हैं — “मंत्री का दौरा है, थोड़ा आवश्यकता था यार”, जिस पर विनोद जवाब देते हैं, “55 का है, शिव के खाते में डाल दूं?” और निरीक्षक हां में जवाब देते हैं।
क्या है मामला?
- आरोप है कि CSC संचालकों से योजनाओं में आवेदन स्वीकृति के बदले पैसे मांगे जाते थे।
- शिकायतकर्ता विनोद सिंह ने बताया कि नोनी सशक्तिकरण योजना और श्रम कार्ड आवेदन में जानबूझकर रंजूबाई और शैलेंद्री नाम की महिलाओं के फॉर्म 6-7 बार अस्वीकार किए गए, क्योंकि पैसे नहीं दिए गए।
- पैसों की वसूली के लिए गंडई निवासी शिवकुमार साहू को एजेंट के रूप में लगाया गया था।
शिवकुमार ने खुद स्वीकार किया कि “मेरे खाते में पैसा आता था और मैं उसे तुरंत साहब के अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। अधिकारी से कुछ पूछने की हिम्मत नहीं थी।”
प्रशासन ने ली जांच की पहल
एडीएम सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के लिए श्रम प्रभारी अधिकारी को निर्देशित किया है। दो दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
कट मनी का गहरा नेटवर्क?
खैरागढ़ जिले में 500 से ज्यादा CSC सेंटर्स संचालित हो रहे हैं, जहां आम जनता जाति प्रमाण पत्र, निवास, आय प्रमाण पत्र, श्रम कार्ड, DL आदि बनवाती है। पहले भी इन सेंटर्स द्वारा अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन अब सामने आया यह ऑडियो इस बात की पुष्टि करता है कि विभागीय अधिकारी भी इस अवैध वसूली में हिस्सेदार हैं।
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क्या अब जागेगा सिस्टम?
मंत्री के नाम पर पैसे मांगना, गरीबों की योजनाओं में घूसखोरी और फॉर्म रिजेक्ट करना – ये केवल एक ऑडियो की बात नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और मजदूर वर्ग के अधिकारों पर हमला है।
अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या प्रशासन इस ‘कट मनी सिस्टम’ पर सख्ती से कार्रवाई करेगा या यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?
यह खबर सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, गरीबों के हक और सिस्टम की जवाबदेही की भी कहानी है।