जंगल में 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश छिपाने वाले ‘धनकुबेर’ का पर्दाफाश: मामूली कॉन्स्टेबल ने कैसे कमाई बेशुमार दौलत?
भोपाल। मेंडोरी के जंगल में एक लावारिस इनोवा कार से बरामद 52 किलो सोना और लगभग 10 करोड़ रुपये नकद के मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। इस चौंकाने वाले मामले में पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनके सहयोगी चंदन सिंह गौर का नाम सामने आया है। लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई ने एक साधारण नौकरी से जुड़े व्यक्ति के काले धन और भ्रष्टाचार की परतें खोल दी हैं।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
यह पूरा मामला तब सामने आया जब लोकायुक्त पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि मेंडोरी के जंगल में भारी मात्रा में अवैध धन और सोना छुपा हुआ है। छापेमारी के दौरान, पुलिस ने जंगल में खड़ी एक लावारिस इनोवा कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इस बरामदगी ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया।
इसके बाद पुलिस ने सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा, जहां से 2.85 करोड़ रुपये नकद, भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों से पता चला कि सौरभ शर्मा ने कई महंगी संपत्तियां खरीद रखी हैं।
कौन हैं सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा ने अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति के तहत परिवहन विभाग में कांस्टेबल की नौकरी पाई थी। करीब 12 साल तक नौकरी करने के बाद, उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और रियल एस्टेट के व्यवसाय में उतर गए।
उनकी रियल एस्टेट कंपनी ने कुछ ही सालों में भारी संपत्ति अर्जित कर ली। उनके पास भोपाल और आसपास के इलाकों में कई कीमती जमीनें, आलीशान मकान और अन्य संपत्तियां हैं।
कैसे बढ़ी संपत्ति?
जांच एजेंसियों के अनुसार, सौरभ शर्मा ने अपनी नौकरी के दौरान ही अवैध तरीके से धन जुटाना शुरू कर दिया था। बाद में, रियल एस्टेट के कारोबार में काले धन को सफेद करने के लिए उन्होंने अपने साथी चंदन सिंह गौर के साथ मिलकर बड़ी-बड़ी डील्स कीं।
उनकी संपत्ति में शामिल हैं:
- भोपाल के पॉश इलाकों में बेशकीमती जमीनें।
- आलीशान बंगले और व्यावसायिक परिसरों के दस्तावेज।
- भारी मात्रा में नकद और सोने-चांदी के आभूषण।
संपत्ति की बरामदगी का विवरण
पुलिस द्वारा बरामद संपत्ति:
- 52 किलो सोना: बाजार मूल्य लगभग 30 करोड़ रुपये।
- नकद 10 करोड़ रुपये।
- 2.85 करोड़ रुपये: घर से नकद बरामद।
- संपत्तियों के दस्तावेज: जिनकी कीमत करोड़ों में है।
जांच और कानूनी कार्रवाई
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा और उनके साथी चंदन सिंह गौर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं।
- संपत्ति की जांच: उनकी सभी संपत्तियों के स्रोतों की जांच हो रही है।
- मनी लॉन्ड्रिंग: जांच एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि क्या इन पैसों का इस्तेमाल किसी और अवैध गतिविधि में किया गया है।
- सहयोगियों की जांच: सौरभ शर्मा और चंदन सिंह के संपर्क में आए अन्य लोगों से भी पूछताछ हो रही है।
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भ्रष्टाचार और लालच की कहानी
यह मामला समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का एक और बड़ा उदाहरण है। एक साधारण सरकारी कर्मचारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर अकूत दौलत अर्जित की।
समाज के लिए सीख
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। यह मामला जनता को जागरूक करने के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति अंततः पकड़ी जाती है।