2025 की पहली ‘मन की बात’: महाकुंभ, गणतंत्र दिवस से ISRO तक, PM मोदी ने साझा किए बड़े विचार
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साल 2025 की पहली ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। यह कार्यक्रम हर महीने के अंतिम रविवार को आयोजित होता है, लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के कारण इसे पहले आयोजित किया गया। यह 118वां एपिसोड था, जिसमें उन्होंने देश की विभिन्न उपलब्धियों और त्योहारों पर चर्चा की।
ISRO और ‘पिक्सेल’ को दी बधाई
प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, “2025 की शुरुआत में भारत ने स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। बेंगलुरु के स्पेस स्टार्टअप ‘पिक्सेल’ ने देश का पहला निजी सैटेलाइट कांस्टेलेशन ‘फायर-फ्लाई’ सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह दुनिया का सबसे हाई-रिज़ॉल्यूशन हाइपरस्पेक्ट्रल सैटेलाइट कांस्टेलेशन है।” इसके साथ ही उन्होंने ISRO को स्पेस डॉकिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि भारत स्पेस डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है।
स्पेस में मैन्युफैक्चरिंग की नई तकनीकों पर चर्चा
प्रधानमंत्री ने IIT मद्रास के ‘एक्सटेम’ केंद्र की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह केंद्र अंतरिक्ष में 3डी-प्रिंटेड बिल्डिंग, मेटल फोम्स और ऑप्टिकल फाइबर जैसी तकनीकों पर काम कर रहा है। ये प्रयास भारत के गगनयान मिशन और भविष्य के स्पेस स्टेशन को मजबूती प्रदान करेंगे।”
गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ का जिक्र
प्रधानमंत्री ने इस बार के गणतंत्र दिवस को विशेष बताते हुए कहा, “यह भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। संविधान सभा के महान व्यक्तित्वों ने हमें जो पवित्र संविधान दिया, मैं उन्हें नमन करता हूं।”
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर संदेश
उन्होंने 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने हमारी मतदान प्रक्रिया को आधुनिक और मजबूत बनाया है। इससे लोकतंत्र सशक्त हुआ है।”
महाकुंभ को बताया ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेला जैसे आयोजन हमारे समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं। संगम की रेत पर विविधता में एकता का अद्भुत नजारा दिखता है।”
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असम की प्रेरणादायक कहानी का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने असम के नौगांव में एक हाथी और इंसानों के बीच के संबंध की कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “जानवर बोल नहीं सकते, लेकिन उनकी भावनाएं इंसान समझ सकता है। इस तरह की कहानियां इंसानों और जानवरों के बीच अनोखे रिश्ते को दर्शाती हैं।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विज्ञान, संस्कृति और समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए देशवासियों को प्रेरित किया और नई उपलब्धियों की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।