15 हजार किसान अब तक नहीं बनवा पाए डिजिटल ID, छूट सकते हैं PM किसान योजना के लाभ से – जानिए कारण और समाधान
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में लगभग 15 हजार किसान अब तक अपनी डिजिटल फार्मर आईडी नहीं बनवा पाए हैं। इसका सीधा असर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ पर पड़ सकता है, क्योंकि बिना डिजिटल आईडी के किसानों को इस योजना की अगली किस्त मिलने में दिक्कत हो सकती है।
1.37 लाख में से 15 हजार किसान अब भी वंचित
महासमुंद जिले में करीब 1.37 लाख किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 1.30 लाख सक्रिय हैं। अब तक 1.15 लाख किसानों की डिजिटल आईडी बन चुकी है, लेकिन शेष 15 हजार किसान इस प्रक्रिया में रुचि नहीं ले रहे हैं। कृषि विभाग लगातार अपील कर रहा है कि किसान जल्द से जल्द आईडी बनवाएं ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ बाधित न हो।
क्या है डिजिटल फार्मर आईडी?
एग्री स्टैक परियोजना के तहत किसानों की एक 11 अंकों की यूनिक डिजिटल आईडी बनाई जा रही है। यह आईडी किसानों को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने का माध्यम बनेगी और बार-बार दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे एक केंद्रीकृत डेटा तैयार होगा, जो कृषि नीतियों के निर्माण में मददगार साबित होगा।
कहां और कैसे बनवा सकते हैं आईडी?
किसान अपनी डिजिटल आईडी जिले में मौजूद कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या च्वाइस सेंटर के माध्यम से बनवा सकते हैं। पहले इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च तय की गई थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। कृषि विभाग के उप संचालक एफ.आर. कश्यप ने बताया कि आईडी बनाने का कार्य अभी भी जारी है।
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी?
डिजिटल फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसानों को नीचे दिए गए दस्तावेज साथ ले जाने होंगे:
- कृषि भूमि से संबंधित बी-1, खसरा नंबर
- ऋण पुस्तिका (लोन पासबुक)
- आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर (OTP सत्यापन के लिए)
क्यों नहीं बनवा रहे किसान ID?
कॉमन सर्विस सेंटर प्रबंधक के अनुसार, करीब 20% किसान अब भी आवेदन नहीं कर रहे हैं। इसके पीछे जागरूकता की कमी, तकनीकी जानकारी का अभाव और कुछ मामलों में आवश्यक दस्तावेजों की अनुपलब्धता है। किसानों को अब विभाग की ओर से लगातार जागरूक किया जा रहा है।
“मुझे मरना है…” कहकर युवक ने थाने में काटा खुद का गला, पुलिस के सामने खौफनाक मंजर, अस्पताल में भर्ती
डिजिटल फार्मर आईडी आने वाले समय में किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। इससे उन्हें योजनाओं का लाभ सीधे, तेज और पारदर्शी रूप से मिल सकेगा। जो किसान अभी तक आईडी नहीं बनवा पाए हैं, उन्हें जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए, वरना वे योजनाओं से वंचित हो सकते हैं।