टाइगर अभी जिंदा है’ कहने वाले कवि अब नहीं रहे: कैसे एक के बाद एक तीन कार्डिएक अरेस्ट से जूझना पड़ा था हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे…..
रायपुर। हास्य कवि और पद्मश्री सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे, जिन्हें “टाइगर अभी जिंदा है” जैसी मशहूर कविताओं के लिए जाना जाता है, अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन गुरुवार सुबह रायपुर स्थित मेकाहारा अस्पताल में हो गया। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें एक्यूट हार्ट अटैक के बाद सुबह 3-4 बजे अस्पताल लाया गया था।
जांच में सामने आया कि उनकी एक प्रमुख धमनी 100% और दूसरी 90% तक बंद थी। हालांकि, एंजियोप्लास्टी सफल रही और उन्हें आईसीयू में रखा गया। हालत कुछ बेहतर होने पर आज सुबह उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया गया ताकि वे अपने परिजनों के बीच सहज महसूस कर सकें। मगर वहां भी वे बेचैनी में रहे और तनाव के कारण गिर पड़े। इसके बाद उन्हें दो बार रिवाइव किया गया, लेकिन तीसरी बार आए कार्डिएक अरेस्ट से उन्हें बचाया नहीं जा सका। सुबह करीब 4 बजे उनका निधन हो गया।
कल होगा अंतिम संस्कार:
डॉ. सुरेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार शुक्रवार को रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। आज उनके पार्थिव शरीर को अशोका रत्न स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इस दौरान प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास समेत देशभर के कई नामचीन कवि उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।
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डॉ. दुबे की खास पहचान
डॉ. सुरेंद्र दुबे अपनी गूढ़ हास्य शैली, सामाजिक व्यंग्य और मंच पर जबरदस्त ऊर्जा के लिए जाने जाते थे। उनका “टाइगर अभी जिंदा है” कविता पाठ देशभर में खूब सराहा गया था। उनका जाना हिन्दी कविता मंचों के लिए एक बड़ी क्षति है।