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एक इंजेक्शन, पांच लाशें: कोरापुट हॉस्पिटल हत्याकांड या हादसा? सरकारी अस्पताल में एक साथ पांच मरीजों की मौत

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एक इंजेक्शन, पांच लाशें: कोरापुट हॉस्पिटल हत्याकांड या हादसा? सरकारी अस्पताल में एक साथ पांच मरीजों की मौत

कोरापुट, ओडिशा: राज्य के एक सरकारी अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब महज एक घंटे के भीतर ICU में भर्ती पांच मरीजों की रहस्यमयी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि मरीजों को ऑपरेशन के बाद एक गलत इंजेक्शन लगाया गया, जिसकी वजह से मौतें हुईं। वहीं, प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।

एक घंटे में गई पांच जानें

जानकारी के मुताबिक, कोरापुट, बोरीगुम्मा, कालाहांडी, सेमिलिगुड़ा और माछरा से गंभीर हालत में मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया था। इनमें चार ICU में थे जबकि एक की सर्जरी के बाद निगरानी में रखा गया था। बुधवार रात 10 से 11 बजे के बीच सभी पांच मरीजों ने दम तोड़ दिया।

परिजनों का आरोप: इंजेक्शन के बाद बिगड़ी हालत

मरीजों के परिजनों का कहना है कि सभी की हालत पहले स्थिर थी। लेकिन रात में एक ड्यूटी स्टाफ ने इंजेक्शन दिया, जिसके कुछ ही मिनटों बाद तीन मरीजों की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। बाकी दो की भी थोड़ी देर में मौत हो गई।

अस्पताल प्रशासन का बयान

कोरापुट मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. सुशांत साहू ने बताया कि मृतकों में एक मरीज सर्वाइकल कैंसर के अंतिम स्टेज में था, जबकि तीन को चाकू लगने से पेट में गंभीर चोटें थीं। एक अन्य मरीज को सड़क दुर्घटना में सिर पर चोट आई थी। उन्होंने कहा कि सभी मरीज गंभीर हालत में थे, लेकिन इंजेक्शन के बाद एक साथ मौतें चिंताजनक हैं।

जांच में सामने आया इंजेक्शन का नाम

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, मरीजों को नॉरएपिनेफ्रिन (Norepinephrine) नामक इंजेक्शन दिया गया था, जिसका उपयोग गिरते ब्लड प्रेशर को स्थिर करने के लिए होता है। प्रारंभिक जांच में कहा गया कि यह इंजेक्शन चिकित्सा प्रोटोकॉल के तहत ही दिया गया था।

आंतरिक जांच और पोस्टमार्टम

मेडिकल कॉलेज ने मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है। कोरापुट कलेक्टर वी. कीर्ति वासन ने कहा, “फिलहाल किसी चिकित्सा लापरवाही की पुष्टि नहीं हुई है। विस्तृत जांच से सच सामने आएगा।” मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिससे मौत के असल कारणों का खुलासा हो सके।

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उच्च स्तरीय समिति का गठन

राज्य के मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग निदेशालय (DMET) ने भी इस मामले की जांच के लिए दो प्रमुख मेडिकल कॉलेजों के पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की एक समिति बनाई है। इस समिति से गुरुवार शाम तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

एक ही अस्पताल में पांच मरीजों की एकसाथ मौत से ओडिशा स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। क्या यह लापरवाही थी या दुर्भाग्यपूर्ण संयोग — इसका जवाब जांच रिपोर्ट के बाद ही मिलेगा।

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