छत्तीसगढ़ का भोरमदेव मंदिर बनेगा अंतरराष्ट्रीय तीर्थ स्थल, केंद्र ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 146 करोड़ की परियोजना को दी मंजूरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भोरमदेव मंदिर अब नया और भव्य रूप लेने जा रहा है। केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत इस मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 146 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। यह कदम छत्तीसगढ़ में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय रोजगार के अवसरों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा योगदान देगा।
छत्तीसगढ़ का ‘खजुराहो’
11वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। इसे अक्सर ‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’ भी कहा जाता है। अब इस धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की तैयारी की जा रही है।
कॉरिडोर, सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाएं
परियोजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
- मंदिर क्षेत्र का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण
- कॉरिडोर और पर्यटक पथ का निर्माण
- उन्नत प्रकाश व्यवस्था और साइन बोर्ड
- रेस्ट एरिया, पार्किंग और अन्य बुनियादी सुविधाएं
- सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण
यह कार्य न केवल धार्मिक महत्व को संरक्षित करेगा, बल्कि पर्यटकों को आधुनिक सुविधाओं से भी जोड़ेगा।
डिप्टी CM विजय शर्मा ने लिया जायजा
परियोजना की प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा ने हाल ही में भोरमदेव मंदिर, मड़वा महल और छेरकी महल का निरीक्षण किया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि काम शीघ्रता से और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।
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धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
यह परियोजना न केवल छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर मजबूती से स्थापित करेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। इससे जुड़ी सुविधाओं और गतिविधियों से आय में वृद्धि और आर्थिक विकास की संभावनाएं भी खुलेंगी।
भोरमदेव अब सिर्फ एक तीर्थस्थल नहीं रहेगा, बल्कि यह एक ऐसा केंद्र बनेगा जहां संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का संगम देखने को मिलेगा।