बिलासपुर: ईसाई धर्म अपनाने का दबाव, पास्टर दंपती के खिलाफ मामला दर्ज
📍स्थान: सकरी थाना क्षेत्र, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
📅 घटना की तारीख: 2 फरवरी 2025
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में जबरन धर्म परिवर्तन कराने के एक मामले में पुलिस ने पास्टर दंपती के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ईसाई समाज से जुड़े पास्टर संतोष मोसेस और उनकी पत्नी अनु मोसेस ने गांव आकर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया।
धर्म न अपनाने पर “प्रभु के प्रकोप” की धमकी
शिकायतकर्ता उतरा कुमार साहू और रामेश्वर साहू ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2 फरवरी को सुबह 10 से 12 बजे के बीच पास्टर दंपती उनके गांव संबलपुरी पहुंचे। उन्होंने गांव वालों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया और जब लोगों ने इनकार किया, तो कहा कि अगर वे धर्म नहीं बदलते तो उन्हें प्रभु का प्रकोप झेलना पड़ेगा।
शिकायत में यह भी कहा गया कि पास्टर और उनकी पत्नी ने कई बार लोगों को ईसाई धर्म स्वीकारने के लिए उकसाने की कोशिश की थी। इस बार जब उन्होंने दोबारा गांव में आकर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया, तो ग्रामीणों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायत के बाद पुलिस की कार्रवाई
ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पास्टर संतोष मोसेस और उनकी पत्नी अनु मोसेस के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं या नहीं।
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ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन सतर्क
इस घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने धर्म का पालन स्वतंत्र रूप से करना चाहते हैं और किसी भी तरह के दबाव को सहन नहीं करेंगे। पुलिस प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है और गांव में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त निगरानी कर रही है।
🔴 क्या है छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम?
छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन को लेकर एक विशेष कानून लागू है जिसे छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम कहा जाता है। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को जबरन, डराकर, या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। यदि किसी पर ऐसा करने का आरोप साबित हो जाता है, तो उसे सजा और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।