बलौदाबाजार हिंसा: शैलेंद्र बंजारे की रिहाई के साथ मामले में नया मोड़
बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शैलेंद्र बंजारे को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई संभव हो पाई। शैलेंद्र बंजारे सात महीने से जेल में बंद थे, और अब उनकी रिहाई के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। बलौदाबाजार समेत रायपुर में कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय जेल में पहुंचकर उनका अभिनंदन किया।
हाल ही में बलौदाबाजार हिंसा मामले में हाईकोर्ट ने 43 मामलों की सुनवाई की, जिसमें 14 आरोपियों की जमानत मंजूर की गई। इस फैसले के बाद, यह माना जा रहा है कि भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत को लेकर भी अब रास्ता साफ हो चुका है। इससे राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, क्योंकि इस मामले के राजनीतिक रूप से भी काफी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
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यह रिहाई न केवल शैलेंद्र बंजारे के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, बल्कि राज्य के कांग्रेसी नेताओं के लिए भी एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस रिहाई को अपनी एक बड़ी सफलता के रूप में देखा है और इस घटना को अपनी राजनीतिक लड़ाई में एक अहम मोड़ के तौर पर पेश किया है।