संसद में महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग, बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू
संसद का बजट सत्र कल (31 जनवरी) से शुरू होने जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। इस सत्र के दौरान केंद्र सरकार 16 महत्वपूर्ण बिलों को पेश करेगी, जिनमें वक्फ संशोधन बिल और मुसलमान वक्फ निरसन बिल जैसे अहम विधेयक शामिल हैं।
सर्वदलीय बैठक में महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग
बजट सत्र से पहले 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें सरकार ने सत्र के एजेंडा का प्रस्ताव किया। समाजवादी पार्टी (SP) ने महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना पर सदन में चर्चा करने की मांग की है। सपा का कहना है कि इस घटना पर पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए। विपक्षी दलों ने इस हादसे को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की योजना बनाई है, जिसमें महाकुंभ के कुप्रबंधन पर भी सवाल उठाए जाएंगे। इस घटना में 30 से अधिक लोगों की जान गई, और विपक्ष ने मृतकों तथा घायलों की अधिक पारदर्शिता से गणना करने की मांग की है।
विपक्षी दलों की तैयारी और मुद्दे
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने यह स्पष्ट किया कि वे महाकुंभ भगदड़, महाकुंभ के कथित राजनीतिकरण और जनहित से जुड़ी समस्याओं को उठाएंगे। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस घटना को लेकर आलोचना की और महाकुंभ के दौरान आम आदमी के लिए परेशानी बढ़ाने का आरोप लगाया। इसके अलावा, लोजपा ने बिहार के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज की मांग भी की है।
बजट सत्र में पेश होने वाले 16 विधेयक
- बैंकिंग (संशोधन) विधेयक, 2024
- रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024
- आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024
- तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024
- बॉयलर बिल, 2024
- गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024
- वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024
- मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024
- बिल ऑफ लैडिंग बिल, 2024
- समुद्र द्वारा माल की ढुलाई विधेयक, 2024
- तटीय नौवहन विधेयक, 2024
- मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024
- वित्त विधेयक, 2025
- विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, 2025
- “त्रिभुवन” सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025
- आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025
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सर्वदलीय बैठक में नेताओं की उपस्थिति
बैठक में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, और अन्य दलों के प्रतिनिधि थे।
संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने बैठक के बाद बताया कि इस सत्र में कुल 16 विधेयकों को पेश किया जाएगा और सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर सभी दलों से सहयोग की अपील की गई है।