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छत्तीसगढ़ धान खरीदी संकट: 9 धान खरीदी केंद्रों पर ठप हुई खरीदी, किसानों को भारी नुकसान का खतरा

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बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अब जिले के 143 केंद्रों में से 9 केंद्रों पर पूरी तरह ठप हो चुकी है। बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो जाने के कारण इन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी गई है, जिससे किसानों में रोष है।

कौन-कौन से केंद्र हुए बंद?

बंद होने वाले 9 धान खरीदी केंद्रों में धनोरा, पलारी, अरकार, बासीन, गुजरा, चिखलाकसा, भवरमला, गुदुम और भरदाकला शामिल हैं। इन केंद्रों पर धान का उठाव और परिवहन पूरी तरह से रुक गया है, जिसके कारण किसानों को अपनी उपज बेचने में दिक्कत हो रही है।

धान खरीदी में देरी का कारण

अब तक जिले में 32 लाख 21 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। लेकिन इसमें से केवल 4 लाख 96 हजार क्विंटल धान का ही परिवहन हो पाया है।

  • शेष 27 लाख क्विंटल धान केंद्रों पर ही जमा है।
  • धान के ढेर लगने से खरीदी रोकनी पड़ी है, और अन्य केंद्रों पर भी खरीदी बंद होने का खतरा है।

किसानों की समस्याएं

  1. जिन किसानों ने पहले से टोकन कटवा लिया है, वे सबसे अधिक परेशान हैं।
  2. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि उनका धान अब कब और कहां बेचा जाएगा।
  3. किसानों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन समस्या का समाधान करने में असफल रहे हैं।

समिति प्रबंधकों की प्रतिक्रिया

स्थानीय समिति प्रबंधकों ने बताया कि स्थिति की जानकारी पहले ही उच्च अधिकारियों को दे दी गई थी। जिन केंद्रों पर खरीदी बंद हुई है, वहां गांवों में मुनादी करवा दी गई है।

  • उनका कहना है कि धान के उठाव और परिवहन में देरी से समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है।

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किसानों ने प्रशासन से लगाई गुहार

किसानों और समिति प्रबंधकों ने प्रशासन से तुरंत धान उठाव और परिवहन की व्यवस्था करने की मांग की है।

  • अगर जल्द ही धान का उठाव नहीं हुआ तो अन्य केंद्रों पर भी खरीदी बंद हो सकती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा।

सरकार और प्रशासन से उम्मीदें

किसान उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेंगे।

  • परिवहन और उठाव की प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि खरीदी फिर से शुरू हो सके।

नोट: इस समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया तो यह किसानों की आय और धान खरीदी के लक्ष्य दोनों को प्रभावित कर सकता है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई जरूरी है।

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