- ISRO का PSLV-C37: एक अद्भुत यात्रा का समापन
15 फरवरी 2017 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने PSLV-C37 रॉकेट के माध्यम से एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था। इस रॉकेट ने एक साथ 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसमें से अधिकांश विदेशी उपग्रह थे। हाल ही में, यह रॉकेट का ऊपरी हिस्सा, जिसे PS4 कहा जाता है, पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया और यह उत्तरी अटलांटिक महासागर में गिर गया।
- PSLV-C37 का लॉन्च
PSLV-C37 का लॉन्च भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इसने केवल एक लॉन्च में 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। इस मिशन का मुख्य उपग्रह Cartosat-2D था, जिसका उपयोग भारतीय सेना द्वारा विभिन्न सैन्य अभियानों में किया गया। PSLV-C37 ने सभी उपग्रहों को उनके निर्धारित कक्षाओं में स्थापित करने के बाद अपनी यात्रा शुरू की और लगभग 7 साल तक अंतरिक्ष में चक्कर लगाता रहा. - PS4 की वापसी
6 अक्टूबर 2024 को, PS4 ने पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश किया। ISRO के सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस मैनेजमेंट ने इसे ट्रैक किया, ताकि इसके गिरने से किसी प्रकार का नुकसान न हो। यह हिस्सा धीरे-धीरे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे आ रहा था, और अंततः यह उत्तरी अटलांटिक महासागर में गिर गया। ISRO ने इस प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए थे. - नवीनतम अपडेट
ISRO का कहना है कि वे भविष्य में अंतरिक्ष में मलबे को कम करने के लिए सक्रिय उपाय लागू करते रहेंगे। PS4 की वापसी इस बात का संकेत है कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम लगातार आगे बढ़ रहा है और इसके मिशनों का निपटान उचित तरीके से किया जा रहा है। भविष्य में भी, ISRO ऐसे ही सुरक्षित और प्रभावी मिशन पर काम करेगा, जिससे अंतरिक्ष में साफ-सफाई और सुरक्षा बनी रहे.
PSLV-C37 की कहानी केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह दुनिया को भी दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में कितना गंभीर है। ISRO की योजनाएँ और लक्ष्य भविष्य में और भी विस्तारित होते जाएंगे, जिससे वे अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर सकें।