भूपेश बघेल और बेटे को सुप्रीम कोर्ट से झटका, याचिका खारिज – हाईकोर्ट जाने को कहा
नई दिल्ली |छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की सलाह दी है।
क्या है पूरा मामला?
18 जुलाई को ईडी ने भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापा मारते हुए चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन पर ही गिरफ्तार कर लिया था।
उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया। अभी वे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं और अगली पेशी 18 अगस्त को होगी।
ED के अनुसार चैतन्य को घोटाले से मिले करोड़ों रुपये
- चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) हुई।
- यह पैसा उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए उपयोग किया।
- जांच में खुलासा हुआ कि उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर नकद लेन-देन और फ्लैट खरीद की आड़ में 5 करोड़ की राशि प्राप्त की।
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1000 करोड़ से अधिक के पीओसी का प्रबंधन:
ईडी का आरोप है कि चैतन्य ने शराब घोटाले से प्राप्त 1000 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपत्ति का प्रबंधन किया और इसे राजनीतिक और कारोबारी सहयोगियों के माध्यम से छिपाने का प्रयास किया गया।
पहले से कई बड़े नाम गिरफ्त में
इस मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, और पूर्व मंत्री कवासी लखमा सहित कई बड़े नामों को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।