1 अगस्त 2025 से UPI नियमों में बड़ा बदलाव, बैलेंस चेक और ट्रांजैक्शन से जुड़ी नई सीमाएं लागू
नई दिल्ली। यूपीआई (UPI) इस्तेमाल करने वाले करोड़ों यूजर्स के लिए 1 अगस्त 2025 से कुछ नए नियम लागू हो गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य सिस्टम पर लोड को नियंत्रित करना और लेन-देन की प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाना है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अब निम्नलिखित बदलाव प्रभावी हो चुके हैं:
🔹 UPI के नए नियम इस प्रकार हैं:
- अब एक दिन में 50 से अधिक बार बैलेंस चेक नहीं कर पाएंगे।
- हर सफल ट्रांजैक्शन के बाद बैंक को अकाउंट बैलेंस दिखाना अनिवार्य होगा।
- ऑटोपे मैंडेट्स को पीक ऑवर्स के बाद ही प्रोसेस किया जाएगा।
- हर मैंडेट के लिए सिर्फ एक बार एजीक्यूरेशन (authentication) की अनुमति होगी। तीन बार ही रिट्राई किया जा सकेगा।
- लिंक्ड अकाउंट्स की जानकारी एक दिन में 25 बार ही प्राप्त की जा सकेगी।
इन नए नियमों से जहां बैंकिंग प्रणाली पर अनावश्यक लोड कम होगा, वहीं तकनीकी गड़बड़ियों की संभावना भी घटेगी। NPCI का मानना है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए यह कदम जरूरी था।