रेबीज का डरावना रूप: पानी देखकर कांपने लगते हैं मरीज!
What Is Hydrophobia | कुत्ते या अन्य जानवर के काटने के बाद जब किसी व्यक्ति को पानी से डर लगने लगे तो यह कोई सामान्य मानसिक स्थिति नहीं होती, बल्कि यह रेबीज का गंभीर लक्षण होता है, जिसे मेडिकल भाषा में हाइड्रोफोबिया (Hydrophobia) कहा जाता है।
हाइड्रोफोबिया क्या है?
हाइड्रोफोबिया का अर्थ है पानी का भय। यह आमतौर पर रेबीज संक्रमित व्यक्ति में उभरने वाला एक लाइफ थ्रेटनिंग न्यूरोलॉजिकल लक्षण है। इसमें व्यक्ति पानी को देखकर घबराने लगता है, यहां तक कि पानी पीने या उसके संपर्क में आने से मांसपेशियों में ऐंठन, घुटन जैसी स्थिति बनने लगती है।
कुत्ते के काटने से हाइड्रोफोबिया क्यों होता है?
रेबीज एक वायरल इंफेक्शन है, जो संक्रमित जानवर के लार के जरिए मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। यह वायरस मुख्यतः कुत्तों, बिल्लियों, लोमड़ियों, और घोड़ों में पाया जाता है। संक्रमित होने के कुछ दिनों या हफ्तों बाद, वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे मस्तिष्क पर असर पड़ता है और हाइड्रोफोबिया जैसे लक्षण सामने आते हैं।
हाइड्रोफोबिया के लक्षण
- पानी या तरल चीजों से डर लगना
- पानी पीने में कठिनाई
- गले में ऐंठन और मांसपेशियों में झटके
- बेचैनी, उत्तेजना और भ्रम
- प्रकाश और ध्वनि से डर
- लकवा या पक्षाघात के लक्षण
- अत्यधिक लार बनना और मुंह से झाग आना
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इलाज और बचाव
रेबीज और हाइड्रोफोबिया से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि कुत्ते या किसी जानवर के काटने के तुरंत बाद प्राथमिक इलाज लिया जाए
- ज़ख्म को साबुन और पानी से 10-15 मिनट तक धोएं
- तुरंत डॉक्टर के पास जाएं
- एंटी-रेबीज वैक्सीन (Post-Exposure Prophylaxis) की पूरी डोज लें
- यदि लक्षण दिखने लगें, तो इलाज बेहद मुश्किल हो जाता है
नोट: रेबीज एक बार लक्षणों में प्रकट होने पर लगभग 100% जानलेवा होता है, इसलिए समय पर वैक्सीन लेना ही एकमात्र प्रभावी उपाय है।