रावतपुरा यूनिवर्सिटी पर एक और आरोप! तय सीमा से ज्यादा वसूली, फीस रेगुलेशन सिस्टम को किया दरकिनार
रायपुर/छत्तीसगढ़: रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी (Rawatpura Sarkar University) एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला B.Pharmacy कोर्स की फीस वसूली को लेकर सामने आया है, जहां छात्रों से सालाना ₹1.20 लाख तक शुल्क वसूलने का आरोप है। यह फीस राज्य की प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति (Fee Regulatory Committee) द्वारा तय मानकों से कहीं अधिक है।
फीस निर्धारण का अधिकार किसके पास?
प्रदेश में वर्ष 2008 से प्रोफेशनल कोर्सेस (B.Ed, MBA, B.Tech, Pharmacy आदि) की फीस निर्धारण का कार्य प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा किया जाता रहा है। लेकिन 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए रावतपुरा यूनिवर्सिटी की फीस निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग (Private University Regulatory Commission) ने तय कर दी, जो नियमों के विरुद्ध है।
निर्धारित फीस और यूनिवर्सिटी की वसूली में अंतर
- समिति द्वारा तय फीस: ₹33,800 से ₹39,700 प्रति सेमेस्टर (सालाना अधिकतम ₹79,400)
- रावतपुरा यूनिवर्सिटी द्वारा वसूली: ₹1,20,000 प्रति वर्ष
- यह सीधे तौर पर शासन के नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है।
अब आया स्पष्ट निर्देश
मामले के सामने आने के बाद आयोग के अध्यक्ष डॉ. वीके गोयल ने स्पष्ट किया कि भविष्य में केवल प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ही प्रोफेशनल कोर्सेस की फीस तय करेगी। इस संबंध में सभी निजी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
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छात्रों को राहत मिलेगी या बढ़ेगा विवाद?
इस अनियमितता के कारण हजारों छात्रों के आर्थिक अधिकारों पर असर पड़ा है। यदि आगे भी यह वसूली जारी रहती है तो इसे उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन माना जा सकता है। अब निगाहें राज्य सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं।