CG Liquor Scam: 2200 करोड़ के शराब घोटाले में एक्शन मोड, दर्जनों आबकारी अफसरों पर गिरफ्तारी की तलवार
छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) में अब कार्रवाई तेज हो गई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने इस घोटाले में संलिप्त दर्जनों आबकारी अफसरों (Excise Officers) को 5 जुलाई को विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
गिरफ्तारी की आशंका तेज
सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट में पेशी के दौरान कई अफसरों की गिरफ्तारी संभव मानी जा रही है। ये सभी राजपत्रित अधिकारी हैं और कई अब भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में अहम पदों पर कार्यरत हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की तैयारी भी की जा रही है।
कैसे हुआ 2200 करोड़ का घोटाला?
EOW की जांच रिपोर्ट के अनुसार, शराब घोटाले की शुरुआत फरवरी 2019 से हुई थी। एक संगठित सिंडिकेट ने डुप्लीकेट शराब सप्लाई और अवैध वसूली का नेटवर्क तैयार किया। शुरुआत में हर महीने 800 पेटियां भेजी जाती थीं, जो बाद में बढ़कर 400 ट्रकों तक पहुंच गईं। इस सप्लाई में कोई वैध दस्तावेज नहीं था।
घोटाले का सिंडिकेट और कमीशन सिस्टम
- तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास को हर महीने ₹50 लाख की रिश्वत मिलती थी।
- अफसर एपी त्रिपाठी के जरिए यह पैसा पहुंचाया जाता था।
- सालाना ₹70 करोड़ की अवैध वसूली का टारगेट तय किया गया था।
- 2019 से 2023 तक कुल ₹2174.60 करोड़ की अवैध वसूली हुई।
अवैध पैसे से खरीदी गई जमीन और किया गया निवेश
EOW की रिपोर्ट के मुताबिक, अफसरों ने यह पैसा जमीन, व्यापार और कर्ज वितरण में निवेश किया। सरकारी रिकॉर्ड में शराब की बिक्री दर्ज नहीं की गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब को सीधे दुकानों तक पहुंचाया गया।
15 जिलों में फैला था घोटाले का जाल
रायपुर, महासमुंद, कोरबा, धमतरी और बिलासपुर जैसे जिले इस नेटवर्क के मुख्य केंद्र रहे। प्रति पेटी ₹150 कमीशन तय था।
नामजद आरोपी अफसरों की सूची
नाम | पद |
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निरंजन दास | तत्कालीन आबकारी आयुक्त (IAS) |
एपी त्रिपाठी | वरिष्ठ अफसर |
जनार्दन कौरव | सहायक जिला आबकारी अधिकारी |
अनिमेष नेताम | उपायुक्त, धमतरी |
विजय सेन शर्मा | उपायुक्त, महासमुंद |
अरविंद पटेल | सहायक आयुक्त |
प्रमोद नेताम | सहायक कमिश्नर |
रामकृष्ण मिश्रा | सहायक आयुक्त |
विकास गोस्वामी | सहायक आयुक्त |
इकबाल खान | जिला आबकारी अधिकारी |
नीतिन खंडूजा | सहायक अधिकारी |
मंजूश्री कसेर | जिला अधिकारी |
अशोक कुमार सिंह | जिला अधिकारी |
मोहित जायसवाल | जिला अधिकारी |
रविश तिवारी | सहायक आयुक्त |
सोनल नेताम | सहायक आयुक्त |
पूरक चालान और मुख्यमंत्री की स्वीकृति
मुख्यमंत्री द्वारा अभियोजन स्वीकृति दिए जाने के बाद अब EOW कोर्ट में पूरक चालान दाखिल करने की तैयारी में है। आज 5 जुलाई की सुनवाई में कई अधिकारियों की गिरफ्तारी की संभावना है। यह छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई साबित हो सकती है।