spot_imgspot_imgspot_img

दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन? तिब्बत और चीन में फिर छिड़ा नया विवाद

Date:

दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन? तिब्बत और चीन में फिर छिड़ा नया विवाद

धर्मशाला / बीजिंग: बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर एक बार फिर तिब्बत और चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है। 89 वर्षीय 14वें दलाई लामा, जिनका आधिकारिक नाम जेत्सुन जम्फेल न्गवांग लोबसांग येशे तेनजिन ग्यात्सो है, ने हाल ही में 15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन के दौरान उत्तराधिकार को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसने चीन की नाराजगी को जन्म दिया है।

 दलाई लामा ने क्या कहा?

धर्मशाला में आयोजित तीन दिवसीय तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दलाई लामा ने वीडियो संदेश के जरिए स्पष्ट कर दिया कि उनके उत्तराधिकारी का चयन उनके निधन के बाद तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने इस जिम्मेदारी को ‘गादेन फोडंग ट्रस्ट’ को सौंपा है, जो उनके आध्यात्मिक संस्थान का प्रमुख निकाय है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी सरकार, संस्था या व्यक्ति की कोई दखलअंदाजी स्वीकार नहीं की जाएगी। इसका तात्पर्य था – चीन को इसमें कोई भूमिका नहीं मिलेगी।

चीन का पलटवार – “हमारी मंज़ूरी अनिवार्य”

इस बयान के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी तभी वैध होगा जब उसे चीन की केंद्र सरकार की स्वीकृति प्राप्त होगी। चीन का दावा है कि ऐतिहासिक रूप से दलाई लामा के चयन की अंतिम मंजूरी बीजिंग ही देता आया है और यह परंपरा अब भी जारी रहेगी।

 तिब्बती समुदाय और दलाई लामा की कड़ी आपत्ति

दलाई लामा और तिब्बती बौद्ध नेताओं ने चीन के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा एक धार्मिक और आध्यात्मिक पद है, न कि कोई राजनैतिक नियुक्ति, जिस पर किसी राष्ट्र की सरकार नियंत्रण रख सकती है।

तिब्बती समुदाय का मानना है कि चीन इस प्रक्रिया को राजनीतिक रूप से नियंत्रित कर भविष्य के दलाई लामा को अपना समर्थक बनाना चाहता है ताकि तिब्बत पर उसकी पकड़ मजबूत बनी रहे।

 क्यों है यह विवाद महत्वपूर्ण?

  • दलाई लामा न केवल तिब्बतियों के लिए एक धर्मगुरु, बल्कि संघर्ष के प्रतीक हैं।
  • उनके उत्तराधिकारी का चयन बौद्ध अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
  • चीन पहले भी 11वें पंचेन लामा को लेकर विवाद में रहा है, जब उसने तिब्बती मान्यता को न मानते हुए अपनी पसंद का पंचेन लामा नियुक्त किया था।
  • आशंका है कि दलाई लामा की मृत्यु के बाद दो अलग-अलग उत्तराधिकारी घोषित हो सकते हैं – एक चीन समर्थित और दूसरा तिब्बती परंपराओं से चुना गया।

छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गरमाहट! कांग्रेस विधायक गिरफ्तार…अन्य विधायकों पर भी FIR दर्ज – क्या है मामला?

दलाई लामा के उत्तराधिकारी का मुद्दा केवल एक धार्मिक प्रश्न नहीं, बल्कि राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बन गया है। जहां एक ओर तिब्बती समुदाय अपनी आध्यात्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए खड़ा है, वहीं चीन इसे अपने प्रभुत्व के विस्तार का माध्यम मान रहा है। यह विवाद आने वाले वर्षों में वैश्विक मंच पर भी बड़ी कूटनीतिक चर्चा बन सकता है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related