हाई कोर्ट का बड़ा आदेश: प्राचार्य पदोन्नति पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की रोक, शिक्षकों को बड़ा झटका
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने प्राचार्य पदोन्नति को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस रजनी दुबे की युगलपीठ ने प्राचार्य के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है।
यह रोक राज्य शासन द्वारा व्याख्याताओं को प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने के लिए तय किए गए मापदंडों और नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लगाई गई है। आधा दर्जन से अधिक शिक्षकों ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट में उठा अवमानना का मुद्दा
सरकार ने 30 अप्रैल को ई संवर्ग के 1524 और टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों सहित कुल 2925 शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी की थी। हालांकि इससे पहले हुई सुनवाई में शासन की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि अगली सुनवाई तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाएगा।
इसके बावजूद पदोन्नति सूची जारी होने पर याचिकाकर्ता पक्ष ने अदालत को अवगत कराया कि यह सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को सुनवाई के दौरान पदोन्नति पर रोक लगा दी।
हाई कोर्ट में लंबित हैं हस्तक्षेप याचिकाएं
उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में कई हस्तक्षेप याचिकाएं भी लगाई गई हैं, जिन पर बीते दिनों एक साथ सुनवाई हुई थी। अदालत ने पहले फैसला सुरक्षित रखा था, जो अब सुनाया गया है।
अब यह मामला राज्य में शिक्षा व्यवस्था और शिक्षक पदोन्नति नीति से जुड़े एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है।