भारत के औद्योगिक क्षेत्र की रफ्तार पर ब्रेक! मई 2025 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में केवल 1.2% की बढ़त, अगस्त 2024 के बाद सबसे धीमा प्रदर्शन
भारत की औद्योगिक गतिविधियों ने मई 2025 में सुस्ती दिखाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में औद्योगिक उत्पादन (IIP – index of Industrial Production) सिर्फ 1.2% की दर से बढ़ा, जो अगस्त 2024 के बाद की सबसे धीमी वृद्धि मानी जा रही है। इसके मुकाबले अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 2.7% रहा था।
किन क्षेत्रों में आई गिरावट?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट की प्रमुख वजह बरसात की समयपूर्व शुरुआत और खनन व बिजली उत्पादन में आई गिरावट हो सकती है। औद्योगिक उत्पादन की तीन प्रमुख श्रेणियों में से दो – खनन और बिजली – ने कमजोर प्रदर्शन किया, जिससे कुल वृद्धि प्रभावित हुई।
क्या है औद्योगिक उत्पादन?
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) किसी देश की आर्थिक सेहत को दर्शाने वाला एक प्रमुख संकेतक होता है, जो उद्योग, निर्माण, खनन और बिजली जैसे क्षेत्रों की मासिक उत्पादन गतिविधियों को दर्शाता है।
अगस्त 2024 के बाद सबसे धीमी ग्रोथ क्यों?
अगस्त 2024 में भी औद्योगिक उत्पादन में इसी तरह की सुस्ती देखी गई थी, जब अर्थव्यवस्था मानसून और आपूर्ति शृंखला से प्रभावित थी। इस बार भी लगभग समान परिस्थितियां रही हैं – जलवायु बदलाव, ऊर्जा क्षेत्र की कमजोरी, और खपत में सुस्ती इसकी वजह मानी जा रही है।
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सरकार और उद्योग पर असर
यह आंकड़े ऐसे समय सामने आए हैं जब सरकार मैन्युफैक्चरिंग और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। औद्योगिक क्षेत्र की यह धीमी चाल रोजगार, निवेश और निर्यात पर भी असर डाल सकती है।