भारत में तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले: जानिए क्या है कारण और जीवनशैली जरूरी
नई दिल्ली. भारत में पिछले कुछ सालों से हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। केवल व्यायाम करना अब पर्याप्त नहीं है, बल्कि संतुलित जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी हो गया है।
कोविड महामारी के बाद अचानक दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों में काफी इजाफा हुआ है। बच्चों से लेकर युवाओं और मशहूर हस्तियों तक, सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं। हाल ही में अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की महज 42 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मृत्यु भी इसी ओर इशारा करती है कि जीवनशैली में संतुलन बेहद आवश्यक है।
धूम्रपान और शराब से दूरी
धूम्रपान और शराब हृदय रोगों के बड़े कारक हैं। ये रक्तवाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ता है और ब्लड क्लॉट बनने का खतरा रहता है।
पोषण युक्त खानपान
स्वस्थ खानपान दिल की सेहत के लिए सबसे अहम है। जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड के अत्यधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट्स हों, दिल को सुरक्षित रखता है।
नियमित व्यायाम
नियमित व्यायाम हृदय को मजबूत बनाता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है। विशेषज्ञों की मानें तो हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट हल्का एरोबिक व्यायाम या 75 मिनट तेज एरोबिक एक्सरसाइज करना चाहिए। वॉक और योग को दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद होता है।
वजन का नियंत्रण
बढ़ता वजन हृदय रोगों का बड़ा कारण बन रहा है। मोटापा उच्च रक्तचाप, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा चार गुना बढ़ जाता है।
तनाव से बचाव
लगातार तनाव से हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। शोध के अनुसार, लंबे समय तक तनाव से हृदय रोग का खतरा 60% तक बढ़ सकता है।
पिछले वर्षों में बढ़े मामलों के आंकड़े
2020 से 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, 40 वर्ष से कम उम्र के 50% हार्ट अटैक के मरीज रहे हैं। 2022 में हार्ट अटैक से मौतों में 12.5% की वृद्धि हुई। 2015 में 6.3 करोड़ भारतीय दिल की बीमारियों से ग्रसित थे, जिनमें से 2.3 करोड़ की उम्र 40 से कम थी। लैंसेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में भारत में कुल मौतों में 15.2% हृदय रोगों के कारण हुईं, जबकि 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 28.1% हो गया।
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दिल की बीमारियों से बचने के लिए केवल एक पहलू पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है। व्यायाम, खानपान, मानसिक स्वास्थ्य और दैनिक आदतें मिलकर ही एक संतुलित जीवनशैली का निर्माण करती हैं। सही समय पर बदलाव लाकर हम खुद को और अपनों को हृदय रोगों से बचा सकते हैं।
यह आंकड़े 2011 से 2020 के बीच भारत में हार्ट अटैक (दिल का दौरा) से होने वाली मौतों की संख्या को दर्शाते हैं। नीचे सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत किया गया है: