दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक ही परिवार के पांच लोगों ने खुदकुशी कर ली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची है। पुलिस ने सड़ी गली हालत में शव बरामद किए हैं।
जानकारी के अनुसार, वसंत कुंज के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों ने खुदकुशी कर ली। एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियों ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दी है। पड़ोसियों और मकान मालिक से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने फ्लैट का ताला तोड़कर शवों को बाहर निकाला है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है।
शुक्रवार की सुबह करीब सवा दस बजे पुलिस ने किराये के फ्लैट से सभी के शवों को बरामद किया। पुलिस के अनुसार, पिता कारपेंटर का काम करता था। उसकी पहचान हीरालाल के रूप में हुई है। उसकी पत्नी की एक साल पहले मौत हो गई थी। वह कैंसर से पीड़ित थी। पत्नी की मौत के बाद हीरालाल परेशान रहता था।
मौके से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। 24 सितंबर को परिवार को आखिरी बार देखा गया था। उसके बाद से फ्लैट का दरवाजा बंद था। पुलिस को मौके से जहरीले पादर्थ के पाउच मिले हैं।
पत्नी की कैंसर से हुई थी मौत
हीरालाल की पत्नी सुनीता कैंसर से पीड़ित थीं। काफी इलाज के बाद भी वह बच नहीं सकीं। दंपती को पहली बेटी दिव्यांग पैदा हुई थी। स्वस्थ संतान की चाहत में तीन और बच्चियों ने जन्म लिया, लेकिन वो तीनों भी दिव्यांग थीं। इनकी देखरेख हीरालाल ही कर रहे थे।
मामले की जांच
पुलिस ने फ्लैट का दरवाजा तोड़ा। इसके बाद पुलिस फ्लैट में दाखिल हुई। फ्लैट में दो कमरे हैं। पहले कमरे में एक पुरुष मृत पाया गया, जबकि दूसरे कमरे में चार लड़कियों के शव मिले। मृतकों की पहचान हीरालाल शर्मा (46) पुत्र मरई लाल शर्मा, नीतू (26), निक्की (24), नीरू (23) और निधि (20) के रूप में हुई है।
पड़ोसियों और करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ में पता चला कि मृतक हीरालाल की पत्नी की करीब एक साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। हीरालाल पिछले 28 साल से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, वसंत कुंज में बढ़ई के रूप में कार्यरत था।
नौकरी से आते ही बच्चों की देखरेख में जुट जाता था
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारों बच्चियां बिस्तर प ही पड़ी रहती थीं। हीरालाल सुबह भोजन आदि कराकर जाता था। जब तक वह घर नहीं लौटता तब तक बच्चियां भूखी प्यासी रहती थीं। हीरालाल घर लौटने पर बच्चियों की देखभाल में लग जाता था। उनके लिए खाना बनाता था और फिर घर की सफाई करता था। एक तो घर चलाने के लिए दिनभर नौकरी और रात को बच्चियों की देखभाल करने से धीरे-धीरे उनका साहस जवाब देने लगा था। आसपास के लोगों ने बताया कि हो सकता है कि काम के दबाव में वह धीरे-धीरे डिप्रेशन में आ गया होगा और आखिर में इस घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद से आसपास के लोग सहमे हुए हैं।